धनबाद, नवम्बर 5 -- बरोरा, प्रतिनिधि। शास्त्री नगर (जमुआटांड़) में आयोजित सप्ताहव्यापी संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार की शाम भक्तिमय वातावरण में प्रवचन की अमृतवर्षा हुई। रामानुजाचार्य विक्रमाचार्यजी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि आकिंचन, अचाह एवं प्रेमयुक्त भक्ति से ही भगवान प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि कलियुग में भगवान के नाम संकीर्तन और नाम जाप ही मुक्ति का सुलभ मार्ग है। स्वामीजी ने आगे कहा कि जब मनुष्य बिना किसी स्वार्थ के ईश्वर की अनन्य भक्ति करता है, तो भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। उन्होंने यह भी बताया कि जो भक्त श्रद्धा से भगवत कथा का आयोजन करते हैं, उनके पितरों का परलोक में सम्मान बढ़ता है। कथा के दौरान भक्त प्रह्लाद और ध्रुव की निष्काम भक्ति के प्रसंगों का वर्णन सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो...