फर्रुखाबाद कन्नौज, दिसम्बर 5 -- फर्रुखाबाद, संवाददाता। रसायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से मृदा शक्ति कमजोर हो रही है। इससे फसलों के उत्पादन के साथ ही सेहत पर भी असर पड़ रहा है। विश्व मृदा दिवस पर बैज्ञानिकों ने फसलों में अंधाधुंध खाद और कीटनाशी दवाओं के प्रयोग पर चिंता जाहिर की। गोष्ठी में डिप्टी डायरेक्टर कृषि अरविंद मोहन मिश्रा ने कहा कि किसान जैविक आधार पर खेती करें। इससे जीवन भी सुरक्षित रहेगा और खेतीबाड़ी भी मजबूत होगी। कृषि भवन सभागार में गोष्ठी में डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती अवश्य करें। इसके लिए आवश्यक है कि जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत आदि स्वयं बनायें या फिर राजेपुर के खंडौली में स्थित गोशाला से इसे प्राप्त कर सकते हें। प्राकृतिक ख्ेाती से मृदा और स्वयं का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। किसानों को सलाह दी कि रसायनिक खा...