शामली, मई 29 -- गांव हिंगोखेडी में चल रही श्रीराम कथा में रावण वध की कथा सुनाते हुए आचार्य निखिल महाराज ने कहा कि रामजी कहते हैं कि मेरा लक्ष्य केवल रावण को पराजित करना या उसका वध मात्र नहीं है। राक्षस तो मारा जाएगा, लेकिन उसके बाद क्या? मैं जनजाग्रति करना चाहता हूँ, उसके बाद जो जीवन लोगों का बने, वह परिपक्व हो, शुद्ध हो, निर्भय हो और वे जी सकें। मैं तो परिवर्तन की क्रांति लाया हूँ। मुझे दोनों काम एक साथ करने हैं। रामजी कहते हैं-जन-जन में जागृति की, हर प्रकार के व्यक्तियों से मिला हूँ। मैंने छोटे-से-छोटे आदमी के मनोविज्ञान को जाना है और बड़े-से-बड़े व्यक्ति से मिलकर विचारों को संगृहीत कर उसमें से नीति बनाई है। राम केवल शस्त्र से नहीं लड़ रहे, बाहुबल से नहीं लड़ रहे। राम जनबल से युद्ध कर रहे है। जिसके पास जनबल है, उसकी विजय निश्चित और लंबी होत...