वाराणसी, दिसम्बर 14 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। क्षुद्र ग्रह (एस्टेरॉयड) फाइथन-3200 रविवार और सोमवार की रात तारों की बारिश कराएगा। इसका कारण एस्टेरॉयड से पीछे छूटने से वाला मलबा है। धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने के साथ ही घर्षण से ये पिंड चमक उठेंगे और तारों की बारिश जैसा नजारा दिखाएंगे। जैमिनिड उल्कापात के नाम से जानी जाने वाली यह खगोलीय घटना हर साल दिसंबर के मध्य में होती है। बीएचयू के भौतिक विज्ञान स्थित 'आइयूका' केंद्र के साथ ही काशी के युवा खगोलविदों ने भी इसे देखने की तैयारी कर ली है। हर वर्ष दिसंबर महीने में फाइथन-3200 धरती के काफी करीब से गुजरता है। धरती और मंगल ग्रहों के बीच क्षुद्र ग्रहों की कक्षा में इसका छोड़ गया मलबा धरती के गुरुत्वाकर्षण बल से खिंचकर वायुमंडल में प्रवेश कर जाता है। इसी खगोलीय घटना को 'जैमिनिड' उल्कापात ...