पीलीभीत, जून 23 -- पूरनपुर संवाददाता। योग से शान्ति मिलै मन कौ चित शीतल देह निरोगी रहै। योग से ध्यान की शक्ति जगै परमार्थ सधै ऋषि वाणी कहै। योग के आसन साधन सों तन के सब दूरि विकार बहै। वरिष्ठ कवि पंडित राम अवतार शर्मा ने उक्त सवैया पढ़कर योग का महत्व सरल शब्दों में समझाया। कई अन्य कवियों ने भी योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित गोष्ठी में मनहर काव्य पाठ किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सिरसा चौराहा के निकट स्थित एक पैलेस में कवि गोष्ठी का आयोजन सुरेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में किया गया। संजीता सिंह की वाणी वंदना से शुरू हुआ काव्य पाठ योग क्रियाओं तक की व्याख्या करता हुआ अन्य कवि विषयों को स्पर्श करता दिखा। संजीता सिंह ने पतियों की हत्या करने वाली कथित पत्नियों को अपनी रचनाओं में आड़े हाथों लिया। संचालन कर रहे कवि व शिक्षक विकास आर्य स्वप्न ने...
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