मुजफ्फरपुर, जून 6 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। अंतःकरण के निर्मल हुए बिना नहीं मिलता निर्जला एकादशी का पुण्य। ये बातें शुक्रवार को गोला रोड स्थित बाबा कमलेश्वर नाथ शिव मंदिर के प्रांगण में व्यास पीठ से बाल संत पीयूष गिरि ने कहीं। वे निर्जला एकादशी तिथि पर एक दिवसीय श्रीमद्भागतव कथा कर रहे थे। पीयूष गिरि ने एकादशी महारानी की उत्पत्ति से लेकर ज्येष्ठ निर्जला एकादशी तक की कथा श्रवण कराई। उन्होंने कहा कि श्रद्धापूर्वक तीन दिन का नियम लेकर जब एकादशी व्रत किया जाता है तभी उसका पुण्य मिलता है। उन्होंने गंगा मैया की उत्पत्ति की कथा भी श्रवण कराई। श्रृंगी ऋषि और विभांडक मुनि की प्रसिद्ध कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे श्रृंगी ऋषि का जन्म एक हिरण से हुआ था और कैसे उद्धव जी और विदुर जी की भेंट हुई, इसका विस्तार से वर्णन किया। कथा में संगीतमय भ...
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