बुलंदशहर, अप्रैल 3 -- बुलंदशहर। बुलंदशहर को विकसित जिले की दौड़ में सबसे आगे माना जाता है। इस जिले में पंडित, पुरोहित और कर्मकांडी से लेकर कथावाचक भी निवास करते हैं। इन सभी लोगों का एक ही दर्द है कि जब हम लोगों को जन्म से लेकर मृत्यु तक के समय में याद किया जाता है तो हम उपेक्षा का शिकार क्यों रहे? हमें भी सरकार की तरफ से स्वास्थ्य सेवा योजनाओं के साथ-साथ सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। ताकि हमारा समाज भी उपेक्षाओं के दंश से दूर हो। बुलंदशहर में मंदिरों और पुरोहितों की संख्या करीब 100 से अधिक होगी। पुजारी और कथावाचक समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनके बिना धार्मिक अनुष्ठान अधूरे रहते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक के हर संस्कार में इनकी अहम भूमिका होती है। आज के समय में जहां पूरी दुनिया अध्यात्म की ओर झुक रही है, वहीं इन पुजारियों और कथाव...