भागलपुर, फरवरी 20 -- पीरपैंती, निज प्रतिनिधि। भगवान कहते हैं हम प्रेम के वश में है, जो प्रेम से पुकारता है हम वहीं प्रकट हो जाते हैं। उक्त बातें योगीवीर पहाड़ी बाराहाट के नीचे स्थित मां तारा मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ में आयोजित श्रीमद भागवत कथा वाचन करते वृंदावन की कथा वाचिका ब्रज किशोरी ने कहीं। उन्होंने कहा कि भगवान जात-पात, ऊंच-नीच नहीं देखते, वो देखते हैं तो सिर्फ प्रेम। चाहे सूरदास हों, तुलसीदास हों, रसखान, मीर माधव, जैसे भक्त हैं। भगवान ने दुर्योधन की मेवा का परित्याग कर दिया पर विदुर घर केले के छिलको का भोग लगाते हैं। इसलिए प्रभु से प्रेम कीजिये। ध्रुव प्रह्लाद के प्रेम पर ही भगवान नाम जाप और प्रभु से प्रेम यही सब वेद और पुराण का सार है। कथा के मध्य एक से बढ़कर एक भजनों की गूंज से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया।

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