नई दिल्ली, अप्रैल 1 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर केन्द्र से रुख पूछा जिसमें आरोप लगाया गया है कि 23 नस्लों के कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध मनमाना और संविधान का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केन्द्र सरकार से एक पेशेवर कुत्ता प्रजनक डॉक्टर द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने को कहा। याचिका में दावा किया गया कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया कि जिन नस्लों को प्रतिबंधित किया गया है वह नस्लें क्रूर थीं।  मालूम हो कि पालतू कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच 12 मार्च को केन्द्र ने राज्यों को पिटबुल टेरियर्स, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवीलर और मास्टिफ़्स सहित क्रूर कुत्तों की 23 नस्लों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को जारी ...